भुवनेश्वर, 04/06/2025: वेदांता एल्युमीनियम, भारत की सबसे बड़ी एल्युमीनियम उत्पादक कंपनी, सतत विकास और डीकार्बोनाइजेशन के लिए अपनी अग्रणी पहलों के साथ देश में औद्योगिक बदलाव का नेतृत्व कर रही है। कंपनी ने नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ ईंधन, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और सामुदायिक विकास के क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है, जिससे वह वैश्विक एल्युमीनियम उद्योग में स्थिरता के नए मानक स्थापित कर रही है।
वेदांता एल्युमीनियम ने 2050 तक नेट-जीरो उत्सर्जन प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है और 2030 तक अपने बिजली उपयोग का 30% हिस्सा नवीकरणीय ऊर्जा से प्राप्त करने के लिए सेरेंटिका रिन्यूएबल्स के साथ साझेदारी की है। कंपनी ने गेल (इंडिया) लिमिटेड के साथ समझौता कर अपने कास्टहाउस संचालन में प्राकृतिक गैस का उपयोग शुरू किया है, और ओडिशा व छत्तीसगढ़ में बायोमास को-फायरिंग के माध्यम से उत्सर्जन में कमी लाई है।
झारसुगुड़ा संयंत्र में भारत का पहला 10-टन इलेक्ट्रिक फोर्कलिफ्ट और देश का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक लिथियम-आयन फोर्कलिफ्ट बेड़ा संचालित किया जा रहा है, जिससे 2030 तक हल्के मोटर वाहन बेड़े का 100% डीकार्बोनाइजेशन सुनिश्चित किया जा सकेगा। कंपनी ने बायोडीजल के उपयोग के लिए पायलट प्रोजेक्ट्स भी शुरू किए हैं, जो नवाचार और डीकार्बोनाइजेशन के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। सामुदायिक विकास के लिए, वेदांता ने पर्यावरण जागरूकता अभियानों, जैव विविधता संरक्षण, और स्थानीय किसानों के लिए आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देने वाली पहलों को सफलतापूर्वक लागू किया है।
वेदांता एल्युमीनियम को S&P ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2024 में वैश्विक एल्युमीनियम कंपनियों में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। कंपनी के स्मेल्टर्स को एल्युमीनियम स्टीवर्डशिप इनिशिएटिव द्वारा प्रमाणित किया गया है, और उत्पाद श्रृंखला को पर्यावरण उत्पाद घोषणा (EPD) सत्यापन प्राप्त हुआ है।
वेदांता एल्युमीनियम के सीईओ, श्री राजीव कुमार ने कहा, “वेदांता एल्युमीनियम में, स्थिरता केवल एक लक्ष्य नहीं, बल्कि हमारे हर कार्य का आधार है। हमारी पहलों के माध्यम से हम न केवल पर्यावरणीय प्रभाव को कम कर रहे हैं, बल्कि भारत में जिम्मेदार औद्योगिक विकास के लिए एक नया बेंचमार्क भी स्थापित कर रहे हैं।”
वेदांता एल्युमीनियम का बहुआयामी दृष्टिकोण यह दर्शाता है कि कैसे भारतीय उद्योग जलवायु कार्रवाई में वैश्विक नेतृत्व कर सकता है, और सतत भविष्य की दिशा में ठोस कदम उठा सकता है।