लांजीगढ़, 16/09/25: वेदांता एल्युमिनियम, जो भारत का सबसे बड़ा एल्युमिनियम उत्पादक है, ने ओडिशा के भवानपटना स्थित अपने प्रमुख कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत खाद्य एवं पेय (F&B) विषय में 21वां बैच सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है, जिसमें 93% प्लेसमेंट दर हासिल हुई है। ओडिशा स्किल डेवलपमेंट अथॉरिटी (OSDA) के सहयोग से संचालित यह कार्यक्रम स्थानीय युवाओं को उद्योग के लिए तैयार कौशल प्रदान करने, सतत आजीविका के अवसर सृजित करने और क्षेत्रीय विकास को जमीनी स्तर पर प्रोत्साहन देने के प्रति वेदांता की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस उपलब्धि पर वेदांता एल्युमिना बिज़नेस के सीईओ, प्रणब कुमार भट्टाचार्य ने कहा, “वेदांता में हम मानते हैं कि कौशल आत्मनिर्भरता की नींव है। ऐसी पहलें ग्रामीण क्षमता और मुख्यधारा के अवसरों के बीच पुल का काम करती हैं, जिससे युवाओं के लिए रोज़गार और उद्यमिता के नए रास्ते खुलते हैं। जब युवाओं को सही कौशल और exposure दिया जाता है, तो यह परिवारों, समुदायों और स्थानीय अर्थव्यवस्था में प्रगति की कड़ी दर कड़ी जोड़ता है। यह बेहतरीन प्लेसमेंट दर कलाहांडी में सकारात्मक बदलाव लाने के प्रति वेदांता की प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जो ओडिशा स्किल डेवलपमेंट अथॉरिटी के मज़बूत सहयोग से संभव हुआ है।”
एक सुव्यवस्थित स्किलिंग फ्रेमवर्क के आधार पर, वेदांता लांजीगढ़ स्किल ट्रेनिंग पहल, ओडिशा स्किल डेवलपमेंट अथॉरिटी (OSDA) और नाबार्ड (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट) के सहयोग से अगले तीन साल में 1200 से अधिक ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखती है। इस पहल में दोहरा दृष्टिकोण अपनाया गया है—प्रशिक्षण देने के साथ-साथ रोजगार और उद्यमिता के अवसर प्रदान करना। अब तक 750 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है, जो इस यात्रा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।
इन प्लेसमेंट्स ने उम्मीदवारों की पारिवारिक आजीविका को मजबूत किया है और उन्हें सामाजिक-आर्थिक मुख्यधारा से जोड़ने में मदद की है।
वेदांता की यह स्किल ट्रेनिंग पहल संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) से रणनीतिक रूप से जुड़ी है, विशेषकर SDG 1 – “गरीबी उन्मूलन” और SDG 8 – “सम्मानजनक कार्य और आर्थिक वृद्धि”। यह पहल ‘विकसित भारत’ की राष्ट्रीय दृष्टि के साथ भी मेल खाती है, जिससे ग्रामीण रोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा मिलता है।