लांजीगढ़, 2 अगस्त 2025: भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम निर्माता वेदांता एल्युमिनियम ने अपने प्रमुख स्किल्स ट्रेनिंग इनिशिएटिव के तहत लांजीगढ़ में एफ एंड बी प्रशिक्षण के पहले बैच को सफलतापूर्वक पूरा किया है, और इसे 92% प्लेसमेंट दर के साथ पूरा किया। यह उपलब्धि स्थानीय युवाओं को रोजगारपरक कौशल से लैस कर सतत आजीविका के अवसर सृजित करने के वेदांता के संकल्प को दर्शाती है।
सिर्फ प्लेसमेंट ही नहीं, इस कार्यक्रम ने डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति की। सभी प्रतिभागियों ने 40 घंटे का आईटी साक्षरता प्रशिक्षण पूरा किया, जो डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर है। 90% प्रतिभागियों के लिए यह पहली बार डिजिटल शिक्षा का अनुभव था, जिससे वे भविष्य के लिए तैयार कार्यबल में शामिल हो सके।
इस उपलब्धि पर वेदांता एल्युमिना बिजनेस के सीईओ प्रणब कुमार भट्टाचार्य ने कहा, “वेदांता में, सामुदायिक विकास को हम सतत विकास के लिए रणनीतिक उद्देश्य मानते हैं। जब युवाओं को सही कौशल और अवसर मिलता है, तो यह परिवारों, समुदायों और स्थानीय अर्थव्यवस्था में प्रगति की श्रृंखला चलाता है। यह शानदार प्लेसमेंट उपलब्धि दिखाती है कि उद्योग और समुदाय की भागीदारी से क्या-क्या संभव हो सकता है। हम कलाहांडी के युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों के ज़रिए अपनी प्रतिबद्धता पर कायम हैं।”
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) के जिला विकास प्रबंधक महेश्वर दास ने कहा, “ऐसी पहलें परिवर्तन के सशक्त साधन हैं। ये ग्रामीण क्षमता और मुख्यधारा के अवसरों के बीच की खाई को पाटती हैं। स्थानीय युवाओं के लिए सतत आजीविका के रास्ते तैयार करने में वेदांता के प्रयास सराहनीय हैं। हम इस साझेदारी को गहरा करने के लिए आगे देख रहे हैं ताकि क्षेत्र में समग्र, जमीनी विकास को बढ़ावा दिया जा सके।”
विस्तृत स्किलिंग फ्रेमवर्क के तहत, वेदांता लांजीगढ़ कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम ओडिशा स्किल डेवलपमेंट अथॉरिटी (OSDA) और NABARD के सहयोग से अगले तीन वर्षों में 1,200 से अधिक ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखता है। यह दोहरी रणनीति अपनाते हुए प्रशिक्षण के साथ-साथ युवाओं के लिए स्वरोज़गार एवं नौकरी के अवसर भी प्रदान करता है। अब तक 701 युवाओं को इस पहल के तहत प्रशिक्षित किया जा चुका है, जो इस यात्रा का महत्वपूर्ण पड़ाव है। इन प्लेसमेंट्स ने युवाओं को सशक्त बनाते हुए उनके परिवारों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि की है, जिससे वे सामाजिक-आर्थिक मुख्यधारा में जुड़ सके हैं।
वेदांता का कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) – विशेषत: SDG 1 (“कोई गरीबी नहीं”) और SDG 8 (“योग्य कार्य और आर्थिक वृद्धि”) – के साथ रणनीतिक रूप से संरेखित है। यह भारत सरकार के विकासित भारत (Viksit Bharat) के विज़न के साथ भी मेल खाता है, जिसके तहत ग्रामीण रोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा दिया जा रहा है।