भुवनेश्वर, 23/08/25: भारत की सबसे बड़ी एल्युमिनियम उत्पादक कंपनी वेदांता एल्युमिनियम ने कालाहांडी के लांजीगढ़ में अपनी एकीकृत जलग्रहण एवं आजीविका विकास पहल ‘प्रोजेक्ट संगम’ के माध्यम से परंपरागत कृषि पद्धतियों को बदलते हुए धान की प्रणालीगत गहनता पद्धति (System of Rice Intensification – SRI) को बढ़ावा दिया है। इस तकनीक से फसल उत्पादन में 25% तक की वृद्धि, इनपुट लागत में 30% की कमी और किसानों की आय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अब तक 60 से अधिक किसानों ने 64.2 एकड़ भूमि पर इस पद्धति को अपनाया है।
जहाँ कभी कालाहांडी जिला सूखा और अकाल के लिए जाना जाता था, वहीं आज वेदांता की कृषि और सतत आजीविका पहलों के कारण किसान अधिक उपज और आय प्राप्त कर रहे हैं।
उल्लेखनीय परिणाम:
- फसल उत्पादन: प्रति एकड़ 18–20 क्विंटल से बढ़कर 22.5–25 क्विंटल (25% वृद्धि)
- इनपुट लागत: प्रति एकड़ ₹10,000–12,000 से घटकर ₹7,000–9,000 (30% कमी)
- जल दक्षता में 35% सुधार
- जैविक प्रथाओं से कीटों की संख्या में कमी और मिट्टी की सेहत में सुधार
कंपनी अब इसे वर्तमान खरीफ सीजन में 210 एकड़ भूमि तक विस्तारित कर रही है, जिसमें 18 गाँवों के 120 से अधिक किसान शामिल होंगे।
प्रणब कुमार भट्टाचार्य, सीईओ, वेदांता एल्युमिना बिजनेस ने कहा:
“हमारी दृष्टि केवल औद्योगिक विकास तक सीमित नहीं है। कृषि ग्रामीण ओडिशा की जीवनरेखा है और किसानों को आधुनिक व टिकाऊ तकनीक से सशक्त बनाना दीर्घकालिक समृद्धि के लिए आवश्यक है। प्रोजेक्ट संगम के तहत SRI की सफलता यह दर्शाती है कि किस प्रकार सामुदायिक नवाचार उत्पादकता बढ़ा सकता है, संसाधनों का संरक्षण कर सकता है और आजीविका में सुधार ला सकता है। यह हमारे आत्मनिर्भर भारत निर्माण के उद्देश्य के अनुरूप है।”
किसान भी इस पहल की सफलता का उल्लेख करते हुए बताते हैं कि उचित दूरी पर पौधारोपण करने से फसल एक समान बढ़ी है, अधिक कल्ले (tillers) निकले हैं, मंडुआ वीडर से खरपतवार नियंत्रण बेहतर हुआ है, बीज की आवश्यकता कम हुई है और पौधों की जड़ें ज्यादा मजबूत हुई हैं। खासकर छोटे और सीमांत किसान इस पद्धति को लंबे समय तक अपनाने के प्रति अधिक जागरूक और उत्सुक दिखाई दे रहे हैं।
वेदांता लांजीगढ़ का प्रोजेक्ट संगम
यह एकीकृत जलग्रहण एवं आजीविका परियोजना है, जो प्रौद्योगिकी-आधारित उपायों के जरिए ग्रामीण समुदाय की आजीविका को बढ़ाने का काम करती है। परियोजना का लक्ष्य है कि कालाहांडी जिले के लांजीगढ़ ब्लॉक के 41 गाँवों में जल-आधारित परिसंपत्तियाँ बनाई जाएँ, जिससे सालभर पीने के पानी और कृषि के लिए पानी उपलब्ध रहे। इस परियोजना के तहत सिंचाई की सुविधा 3,500 एकड़ से अधिक भूमि तक पहुँची है और यह जल भंडारण क्षमता व भूजल पुनर्भरण दर को बढ़ाते हुए 22,000 से अधिक लोगों को सालभर लाभान्वित कर रही है।